मंगलवार, 5 मई 2020

खूब पिलाई राजा जानी

खूब पिलाई राजा जानी

सब व्योपारी घर के अंदर
रिश्तेदारी घर के अंदर
मरे मजूरा घर के अंदर
तुलसी सूरा घर के अंदर
हक्का बक्का घर के अंदर
कलम बुदक्का घर केअंदर
बस दारू को छूट मिलेगी
दारू खाली कोष भरेगी
नियम धरम सब रक्खो ताक
 लॉक डाउन की माँ की आंख

हमसे बोले घर मे बैठो,
दिया जलाओ थाल बजाओ
योग करो और गाना गाओ
 सब कुछ लेकिन घर के अंदर
बाहर निकले लट्ठ बजेगा
देश द्रोह का बैज सजेगा
खुले हाथ से दान करो तुम
,खुद पर भी अभिमान करो तुम
ग्रेट देश की ग्रेट प्रजा हो
ग्रेट है संकट ग्रेट बनो तुम
 छुआ छूत का रोग है बच्चा
,काहे किसी का थ्रेट बनो तुम
 सुनी तुम्हारी मन की बातें ,
सब बातें थी बड़ी सुहानी
खूब कहीं थी राजा जानी
तुम बन गए लीडर नूरानी
 अब लगता बौराय गए हो ,
या दबाव में आय गए हो
नशा माफिया हावी है
 तुम ठेका सब खुलवाय रहे हो
सुना है इस से कोष भरेगा
भारत को समृद्ध करेगा
लगे हाथ कुछ और भी कर लो
 जो खाली है वह भी भर लो
 जुआ अपहरण सट्टेबाजी,
 लूट डकैती रंडीबाजी
 ये सब भी कानूनी करदो
और इन सब पर टैक्स लगादो
मुद्रा कोष के भाग जगा दो
सभी खजाने भर जाएंगे
क्या होगा कुछ लोग बेचारे
तड़प सिसक कर मर जाएंगे
 ठेका ही क्यों कोठा खोलो
और भी गिर करऊंचा सोचो
मुन्नी बाई नाचें और तुम
 खीसें काढ़े गजरा बेंचो
 तभी बेचारे राम राज्य  के
 सपने पूरे हो पाएंगे
 लाज शरम बेचनी पड़ेगी
 तभी खजाने भर पाएंगे
 हे भारत के भाग्य विधाता
मर गया क्या आंखों का पानी
खूब पिलाई राजा जानी

----–---------------- ----------------राम जनम

रविवार, 3 मई 2020

 काए मंगरू कैसी कट रही

का बतलायें दद्दा अब तो खाबे के ऊ लाले पड़ रहे
 राशन पानी खत्म हो गाओ बैठे बैठे पाँव उखड़ रहे
 मन्स मंजूरी बन्द हो गयी, धंदा सबरे बन्द हो गए
पहले कछु तो मिलइ जात तो अब तो मूसरचन्द हो गए
कैसे कटें विपद के जे दिन
हिम्मत नहीं डटाएँ डट रही

 हम जानत है कैसे कट रही

हडबडाय के लोचन भैया घर के लाने पायन चल भए
 हर नाके पे डंडा खाए करे निहोरे आगे बढ़ गए
धूप घाम में चलत रहे फिर संझा भई ओ सूरज ढल गओ
घर तक पहोंच नहीं पाए उनके ऊपर तें टिरक निकर गओ
 उनके बच्चन की सूरत
आँखिन के आगे सें नही हट रही

हम जानत हैं कैसे कट रही

 कल आए थे चार जने , बोले तुम बिल्कुल मत घबरइयो 
 हम दे रहे पूड़ी के पैकेट खुद खइयो और सबे खवईओ
 हाथ मे धर के पैकेट उनने जाने कितने फोटू खींचे   
 पैकेट पकड़त सरम तो आई खड़े रहे आँखिन को मीचे
 सुनी है उनकी बोई सेल्फी
फेसबुकन पे बहुतई हिट रही
हम जानत हैं कैसी कट रही ।

----------राम जनम