सोमवार, 10 फ़रवरी 2014

kuchh tasveeren









हे मनमोहन हे करुणाकर ,विनती सुनो हमारी


हे मनमोहन हे करुणाकर 

,विनती सुनो हमारी 

भव सागर से पार करो प्रभु 

आया शरण तुम्हारी

मुझ अनाथ के नाथ हो प्रभु तुम

तुम हो प्राण अधारे

हे मुरलीधर द्वार तुंहारे

खड़ा मैं बाँह पसारे

स्वामी तुम बिन हम निबलों की प्रभु

कौन करे रखवारी

हे मांमोहन हे करुनाकर

दास तुम्हारे चरणों का मैं तुम हो मेरे स्वामी

सबके मन की जानने वाले प्रभु तुम अंतर्यामी

हे मनमोहन शरण गहो प्राभु

करो कृपा त्रिपुरारी

हे मनमोहन हे करुनाकर

विनती सुनो हमारी

---------------------------------------------------------------ramjanam(sanjay)